2600.पूर्णिका
2600.पूर्णिका
🌷अपना कौन है 🌷
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अपना कौन है ।
रहता मौन है ।।
हरदम तौलते।
आधा पौन है ।।
देता साथ दे।
दुनिया जौन है ।।
दायित्व बस निभा ।
साथी तौन है ।।
अब खेदू जहाँ ।
गलती गौण है ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-10-2023बुधवार