आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सैनिक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
रिश्ता दिल से होना चाहिए,