Right now I'm quite notorious ,
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गर्मी और नानी का आम का बाग़
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर के ज़ालिम थपेड़ों को,
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "