पर्वत हैं तो धरती का श्रंगार है
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
प्रेम .......तुमसे प्रेम हुआ तो तुम्हारे प्रेम में महसूस हुए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
The darkness engulfed the night.
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
जनसंख्या का भार
Vishnu Prasad 'panchotiya'