"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चमचा चमचा ही होता है.......
#आभार- 6 लाख व्यूज़ के लिए।
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यह तो सब नसीब की बात है ..
मेरी जिंदगी, मेरी आरज़ू, मेरा जहां हो तुम,
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
National Energy Conservation Day
दिल ये इज़हार कहां करता है
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल