पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
D. M. कलेक्टर बन जा बेटा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
23/126.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
**वो पागल दीवाना हो गया**
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
समसामायिक दोहे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹