Don't break a bird's wings and then tell it to fly.
कुछ यूं जिंदगी की मौज लिए जा रही हूं,
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
गीत अभी तक ज़िंदा है (गीत )
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
ये ज़ीस्त अकेले ही तो हमने है गुज़ारी
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
गीत- मिली है ज़िंदगी इसको...