*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
शासकों की नज़र में विद्रोही
मेरे चेहरे से ना लगा मेरी उम्र का तकाज़ा,
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का परिचय
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
कभी पथभ्रमित न हो,पथर्भिष्टी को देखकर।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी