वीर दुर्गादास राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
*******मिल जाएगी मंज़िल राही*******
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)