देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
याद रख इस दुनिया में माँ-बाप के
चर्चाएं हैं तुम्हारे हुस्न के बाजार में,
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*