*हटता है परिदृश्य से, अकस्मात इंसान (कुंडलिया)*
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
सही गलत की पहचान करना सीखें
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
हिंदी दोहे- पौधारोपण
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
जब कोई हो पानी के बिन……….