पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
बढ़ती उम्र के कारण मत धकेलो मुझे,
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जंग जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ गया
एक तरफ
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
The Legend Of Puri Jagannath
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,