Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2023 · 1 min read

2589.पूर्णिका

2589.पूर्णिका
🌷 खुशियाँ लेकर आ गए 🌷
22 22 212
खुशियाँ लेकर आ गए ।
सबके दिल में छा गए ।।
सपनें भी पूरे यहाँ ।
दुनिया को हम भा गए ।।
नादानी करते नहीं ।
देख बन कहर ढ़ा गए ।।
आज भुक्कड़ ये लोग है ।
भूख मिटी ना खा गए ।।
चलते खेदू ठान के ।
मंजिल अपनी पा गए ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
10-10-2023मंगलवार

458 Views

You may also like these posts

स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
Shweta Soni
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
Chaahat
इच्छाओं को  अपने मार नहीं।
इच्छाओं को अपने मार नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
Phool gufran
दोहरापन
दोहरापन
Nitin Kulkarni
एक छोटी सी आश मेरे....!
एक छोटी सी आश मेरे....!
VEDANTA PATEL
भक्ति- निधि
भक्ति- निधि
Dr. Upasana Pandey
دل کا
دل کا
Dr fauzia Naseem shad
मैंने रात को जागकर देखा है
मैंने रात को जागकर देखा है
शेखर सिंह
🙅आजकल🙅
🙅आजकल🙅
*प्रणय*
*शून्य का शून्य मै वीलीन हो जाना ही सत है *
*शून्य का शून्य मै वीलीन हो जाना ही सत है *
Ritu Asooja
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
The_dk_poetry
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
मधुसूदन गौतम
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
Ravikesh Jha
काया   की   प्राचीर  में,
काया की प्राचीर में,
sushil sarna
- नियति के लिखे को कोई टाल नही सकता -
- नियति के लिखे को कोई टाल नही सकता -
bharat gehlot
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
vivek saxena
" आपने "
Dr. Kishan tandon kranti
कविता
कविता
Nmita Sharma
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
पूर्वार्थ
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
छिपा गई जिंदगी
छिपा गई जिंदगी
अनिल कुमार निश्छल
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुभ होली
शुभ होली
Dr Archana Gupta
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
Rj Anand Prajapati
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
Shikha Mishra
संसार का स्वरूप
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
प्रेम..
प्रेम..
हिमांशु Kulshrestha
Loading...