घाव
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
यूं अपनी जुल्फों को संवारा ना करो,
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बंसी और राधिका कहां हो तुम?