*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें,
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
कितना अजीब ये किशोरावस्था
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
बना रही थी संवेदनशील मुझे
तुम्हारा जिक्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)