"शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग"
*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
अव्दय
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
"जो सब ने कहा, जो जग ने कहा, वो आपने भी दोहरा दिया तो क्या ख
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
अधिकतर ये जो शिकायत करने व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
स्वयं सुधरें तो जग सुधरेगा
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें