अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था
*****सबके मन मे राम *****
जीवन के दिन चार थे, तीन हुआ बेकार।
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
*पेड़ के बूढ़े पत्ते (कहानी)*