आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
गुलाबों सी महक है तेरे इन लिबासों में,
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
जो दिमाग़ तुमसे करवाना चाहता है वो तुम दिल से कर नहीं पाओगे,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
Be with someone who motivates you to do better in life becau
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
मैं खुशियों की शम्मा जलाने चला हूॅं।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मै अकेला न था राह था साथ मे