2579.पूर्णिका
2579.पूर्णिका
🌷मेहनत से मंजिल मिलती🌷
2122 22 22
मेहनत से मंजिल मिलती।
प्यार करते कलियाँ खिलती।।
साथ रहते साथी बनके।
खूबसूरत दुनिया खिलती।।
देख लेते तकरार यहाँ ।
बस जहाँ में खुशियाँ खिलती ।।
तनिक भी दाग नहीं देखो।
नेकिया भी कहती खिलती।।
बांट जाते खेदू सारा ।
रोज प्यारी अरमाँ खिलती ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-10-2123रविवार