राहतों की हो गयी है मुश्किलों से दोस्ती,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
हसीब सोज़... बस याद बाक़ी है
कानून में हाँफने की सजा( हास्य व्यंग्य)
"" *प्रेमलता* "" ( *मेरी माँ* )
के अब चराग़ भी शर्माते हैं देख तेरी सादगी को,
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।