2576.पूर्णिका
2576.पूर्णिका
हाथों की लकीरों की औकात क्या है
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हाथों की लकीरों की औकात क्या है ।
अपनी मेहनत की भी सौगात क्या है ।।
बाजी हार जाते जीते जंग में हम ।देखो जिंदगी की ये हालात क्या है ।।
चाहत में बदलने वाले बदल जाते।
नादानी जज्बातों में सच बात क्या है ।।
अपनी हो मुठ्ठी में बस सारा जमाना ।
यूं रंगीन दिन में काली रात क्या है ।।
कर ले प्यार खेदू चूमे पांव मंजिल ।
मिलती ठोकरें खाते आघात क्या है ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-10-2123रविवार