मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
*मुरली धन्य हुई जब उसको, मुरलीधर स्वयं बजाते हैं (राधेश्यामी
कौन है सच्चा और कौन है झूठा,
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष