झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वो दिन दूर नहीं जब दिवारों पर लिखा होगा...
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
हे कृष्णा
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }