जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
तारे हैं आसमां में हजारों हजार दोस्त।
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)