*दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम ( कुंडलिया )*
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
उलझनों से भरी इस दुनिया में
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
Choose a man or women with a good heart no matter what his f