2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
🌷रोक सकते कोई नहीं 🌷
2122 2212
रोक सकते कोई नहीं ।
लोग कहते कोई नहीं ।।
दौर हैअब देखो नया ।
साथ रहते कोई नहीं ।।
टूट जाए यूं दिल यहाँ ।
शाक सहते कोई नहीं ।।
चैन भी है बेचैन सा ।
महल ढ़हते कोई नहीं ।।
राह अपनी खेदू बना ।
आज चहते कोई नहीं ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
7-10-2123शनिवार