2567.पूर्णिका
2567.पूर्णिका
🌹अपनों से कुछ कहती नजर 🌹
22 22 2212
अपनों से कुछ कहती नजर ।
मंजिल मिलती कहती नजर ।।
दुनिया जालिम बस देखती।
चल साथ यहाँ कहती नजर।।
करते मनमानी बेहया ।
गलती ना हो कहती नजर ।।
कर रोज उजाला तम मिटे ।
हरदम चमको कहती नजर ।।
संभालो खेदू जो मिला ।
नजर नजर में कहती नजर।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
6-10-2123शुक्रवार