2560.पूर्णिका
2560.पूर्णिका
🌷 जीना कैसे तेरे बिना 🌷
22 22 2212
जीना कैसे तेरे बिना।
गाए कैसे तेरे बिना ।।
देखो न हुई बारिश यहाँ ।
रूठे बादल तेरे बिना ।।
हम आज करें तो क्या करें ।
बेरहम यहाँ तेरे बिना ।।
सर आँखों पर साजन बिठा।
रोते हरदम तेरे बिना ।।
साज समंदर खेदू रखे ।
दुनिया सूनी तेरे बिना ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
5-10-2123गुरूवार