सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
"" *श्री गीता है एक महाकाव्य* ""
जिंदगी के तूफ़ानों की प्रवाह ना कर
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दगा और बफा़
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
*दो दिन का जीवन रहा, दो दिन का संयोग (कुंडलिया)*
**नेकी की राह पर तू चल सदा**