2537.पूर्णिका
2537.पूर्णिका
🌷 कदम कदम बढ़ाते हम 🌷
22 212 22
कदम कदम बढ़ाते हम।
रोज चमन सजाते हम ।।
देखो बदलती दुनिया।
धरम जहाँ निभाते हम ।।
साथी जो बने अपना ।
अपनी जां लुटाते हम ।।
दिल में प्यार रहता है ।
बेफिक्र सर कटाते हम ।।
महके जिंदगी खेदू।
उजड़े घर बसाते हम ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
1-10-2023रविवार