2535.पूर्णिका
2535.पूर्णिका
🌷करते नहीं दुनिया गलती यहाँ 🌷
2212 22 2212
करते नहीं दुनिया गलती यहाँ ।
बस ख्वाहिशें हरदम पलती यहाँ ।।
दिन रात सब रोते हैं हँसते ।
बस हाथ यूं मंजिल मलती यहाँ ।।
केवल मजा करने की बात है ।
कमियां किसी को ना खलती यहाँ ।।
लेकर जहाँ चंदा सब काम करते ।
देखे कहाँ कोई गलती यहाँ ।।
बुझते पहेली खेदू रोज अब ।
चाबी सत्ता जिसकी चलती यहाँ ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
1-10-2023रविवार