2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
🌷फितरत किसी की आजमाते नहीं 🌷
2212 2212 212
फितरत किसी की आजमाते नहीं ।
हम बेवजह यूं गीत गाते नहीं ।।
ए जिंदगी शख्स लाजवाब सबसे।
कोई कहाँ काँटे बिछाते नहीं ।।
सच ही दिलाती मेहनत मंजिलें ।
चाहत कभी भी वक्त बिताते नहीं ।।
अपनी कश्ती पतवार हथियार है ।
दरिया किनारे कब लगाते नहीं ।।
रखते जहाँ खेदू यहाँ हौसला ।
दुनिया कहीं हमको नचाते नहीं ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सतेश”
1-10-2023रविवार