2521.पूर्णिका
2521.पूर्णिका
🌹खाने वाले ज्यादा खिलाने वाला कम 🌹
22 22 2212 22 22
खाने वाले ज्यादा खिलाने वाला कम ।
अपना कौन पराया यहाँ जानों हमदम।।
छाते पतझड़ के बाद चमन बहार यहाँ ।
दुनिया प्यारी बजते जहाँ पायल छम छम ।।
काले बादल जब बरसते प्यास बुझाते।
तृप्त हो जाती पावन धरा खुशियाँ हरदम।।
नाज जहाँ है नखरें वहाँ करते रहते ।
देखे कोई रंगीन सपनें मिटते तम।।
सारी दुनिया की हसरतें पूरी खेदू।
साथ निभाते इंसान रखते नेक कदम।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-9-2023शुक्रवार