जय बोलो श्री राधे राधे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
हटी तीन सौ सत्तर की, अलगाववाद की धारा
माफ सिया कर दिए गुनहगार हूं
सुल्तानगंज की अछि ? जाह्न्नु गिरी व जहांगीरा?
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
हवन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जीवन के दिन चार थे, तीन हुआ बेकार।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"