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29 Sep 2023 · 1 min read

2515.पूर्णिका

2515.पूर्णिका
🌹सोच रखते तरक्की के लिए 🌹2122 22 212
सोच रखते तरक्की के लिए ।
भटकते हैं तरक्की के लिए ।।
सच खुशी ही आधार है ।
राह आसां तरक्की के लिए ।।
किस्मत के भी दरवाज़ा खुले ।
मेहनत कर तरक्की के लिए ।।
भीख ना मिलते जो मांगते।
कौन समझे तरक्की के लिए ।।
जग भलाई में खेदू लगे ।
नेक कदमें तरक्की के लिए ।।
……✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-9-2023शुक्रवार

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