2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
🌹श्रेय लेने की होड़ मची 🌹
2122 22 22
श्रेय लेने की होड़ मची ।
पक्ष विपक्ष देखो होड़ मची ।।
मेहनत रंग यहाँ लाती ।
शान किसकी है होड़ मची ।।
राजनीति कुश्ती का मैदां ।
नाम हो अपना होड़ मची ।।
वाहवाही लूटे निकम्मा।
कौन किसके अब होड़ मची ।।
भाग्य चमके खेदू हरदम ।
आज दुनिया में होड़ मची ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
28-9-2023गुरुवार