2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
🌷 देख खुला आसमान है 🌷
22 22 1212
देख खुला आसमान है ।
खुद संभाले कमान है ।।
आओं बंदिश नहीं कहीं।
जाने जो योगदान है ।।
सच में गहरा रिश्ता यहाँ ।
अपनी आज पहचान है ।।
रातों की नींद मधुरतम ।
दिन बहुतेरे जहान है ।।
कहते खेदू खरा खरा ।
अपना भारत महान है ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-9-2023बुधवार