2484.पूर्णिका
2484.पूर्णिका
🌷कौन विघ्न आज हरता है🌷
2122 2122
कौन विघ्न आज हरता है ।
मौत बेकाल मरता है ।।
उत्सव का है बस बहाना ।
आदमी क्या न करता है ।।
ढोंग-पाखंड को बढ़ावा ।
पुण्य यहाँ पाप तरता है ।।
कोटि सा भगवान देखो ।
सोच ओछा अखरता है ।।
साथ ईमां ताज खेदू ।
प्रेम हरदम बिखरता है ।।
……✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-9-2023मंगलवार