2478.पूर्णिका
2478.पूर्णिका
🌹जीने का अब आधार हो गए 🌹
22 22 22 1212
जीने का अब आधार हो गए ।
सारे सपने साकार हो गए ।।
महके महके वीरान जिंदगी ।
सच देख बसंत बहार हो गए ।।
रहते अपने बनके यहाँ जहाँ ।
दुनिया सचमुच कचनार हो गए ।।
शान निराली देखो अजब गजब ।
अपना खुद हम सरकार हो गए ।।
मस्त अलबेला खेदू बने सुमन।
प्यारे यारों का यार हो गए ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश ”
16-9-2023शनिवार