2453.पूर्णिका
2453.पूर्णिका
🌷कुछ खोना है कुछ पाना है🌷
22 22 22 22
कुछ खोना है कुछ पाना है ।
जग में बस आना जाना है ।।
क्या गलत सही है मालूम न।
खुद को ही साव बताना है ।।
बिन मेहनत कहाँ है मंजिल।
अपना संसार सजाना है ।।
चहके पंछी महके बगियां ।
मस्त मन में फूल खिलाना है ।।
वक्त के साथ चले हम खेदू ।
नेकी कर नाम कमाना है ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-8-2023मंगलवार