52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
सफलता कड़ी मेहनत और दृढ़ता की शक्ति में विश्वास करती है। अक्
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
जिंदगी - चौराहे - दृष्टि भ्रम
********** आजादी के दोहे ************
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
तबियत मेरी झूठ पर, हो जाती नासाज़.
आजकल की पीढ़ी अकड़ को एटीट्यूड समझती है
Kharaila Vibhushan Pt. Tripurari Mishra is passes away in morning