2448.पूर्णिका
2448.पूर्णिका
🌹अब लोग बड़े सयाने मिलते हैं🌹
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अब लोग बड़े सयाने मिलते हैं ।
चीज नई कब पुराने मिलते हैं ।।
भूखे होता नहीं ये भजन कभी ।
शब्द कीर्तन यूं तराने मिलते हैं ।।
करते क्या नासमझ बात यहाँ पर ।
सच हर चौक मयखाने मिलते हैं ।।
प्यारे दौर तरक्की करते देखो ।
जोड़ यहाँ भी घटाने मिलते हैं ।।
बीती जो जिंदगी बिसरे खेदू ।
दुनिया में सिर्फ फसाने मिलते हैं ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-8-2023शनिवार