टेलिस्कोप पर शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा जी और छात्रों के बीच ज्ञानवर्धक चर्चा
तंत्रयोग,अर्धनारीश्वर और ट्विन फ्लेमस की अवधारणा (Tantra Yoga, Ardhanarishvara and the Concept of Twin Flames)
प्यारी रात
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
खुदा है भी या नहीं ! (ग़ज़ल)
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
जिंदगी के रंगों को छू लेने की,
ग़ज़ल-जितने घाव पुराने होंगे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।