जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
*भेदा जिसने है चक्रव्यूह, वह ही अभिमन्यु कहाता है (राधेश्याम
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
स्वतंत्रता सही मायने में तभी सार्थक होगा....
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
जिसने सिखली अदा गम मे मुस्कुराने की.!!
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
मासूम कोयला
singh kunwar sarvendra vikram
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
The Day I Wore My Mother's Saree!