23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
Being an "understanding person" is the worst kind of thing.
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
जमी हुई है शक्ल पर, जिनके धूल अपार.
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
ना मैं निकला..ना मेरा वक्त कही..!!
- तुझको तेरा ही अर्पण करता हु -