दुखों का भार
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
- सादगी तुम्हारी हमको भा गई -
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अरे वो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
आशिकों का गुलाब थी.
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
*वीणा के स्वर मन में गूॅंजें, जीवन में सुर लय ताल रहे (राधेश
हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।