1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
"शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग"
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*गाता गाथा राम की, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
🌹 *गुरु चरणों की धूल* 🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী