2437.पूर्णिका
2437.पूर्णिका
🌷महान आत्मा हो तुम बस ऐसा ही रहा करो 🌷
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महान आत्मा हो तुम,बस ऐसा ही रहा करो ।
यहाँ वहाँ रोज प्रशंसा ,झूठी तसल्लियां रखो ।।
न देख इंसां आज खुदा खुद को समझते जहाँ ।
बढ़े कदम हरदम चाहे जितना प्रपंच तुम रचो ।।
जमी नहीं कुछ चीजें ये सोच परेशान हरकतें ।
न बांट रौशन है सूरज चांद पहेलियाँ बुझो ।।
कलंक क्या देखो माथों की शोभा बढ़ा रहे ।
न जान अपनी थी पहचान कहाँ मजा लुटो ।।
सच्चा खरा दरिया साहिल खेदू खाक में मिले ।
गुमान पाले मानवता अपने अपन में मरो ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
17-8-2023गुरूवार