2435.पूर्णिका
2435.पूर्णिका
⚘जब भी तुम मिलो ⚘
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फूलों सा खिलो ।
जब भी तुम मिलो।।
प्यारी जिंदगी ।
यूं सबसे मिलो ।।
जाता कुछ नहीं ।
मिलते दिल मिलो ।।
दुनिया अजब सी ।
अरमाँ रख मिलो ।।
रब खेदू यहाँ ।
अपना बन मिलो ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-8-2023गुरुवार