2405.पूर्णिका
2405.पूर्णिका
🌹बेइंतिहा मुहब्बत हो गई तुमसे🌹
2212 22 212 22
बेइंतिहा मुहब्बत हो गई तुमसे।
कैसे कहूँ चाहत हो गई तुमसे ।।
रब ने बनाया सुंदर रिश्ता देखो।
अपना यहाँ सोहबत हो गई तुमसे ।।
महके चमन अपनी जिंदगी के अब ।
दुनिया गम अदावत हो गई तुमसे ।।
हमको मिला सच में मनपसंद यहाँ ।
यूँ चांद भी अजियत हो गई तुमसे।।
महफिल बहारों सी देख ले खेदू ।
बेहद खुश तबीयत हो गई तुमसे ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
20-7-2023गुरुवार