24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/252. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 तोर बर बानी हवे 🌷
212 2212
तोर बर बानी हवे।
अइसन कहानी हवे।।
सुघ्घर हे दुनिया इहां ।
देख अपन जवानी हवे।।
संग बेरा मा बदल ।
हिरद के रानी हवे।।
बांटथे सबला खुसी।
ओकरे सानी हवे।।
बस मया खेदू करय।
ये हवा पानी हवे।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-03-2024बुधवार