24/246. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/246. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 तोर किरिया खावत हंवव 🌷
2122 22 22
तोर किरिया खावत हंवव।
आज सिरतो काहत हंवव।।
ये जमाना जालिम हावय।
रोज सबला साहत हंवव।।
हमर जिनगी हमरे जांगर ।
बस मया भर चाहत हंवव।।
देखथे चिंहारी दुनिया।
करम छानी छावत हंवव।।
कुछु बनाबे बनथे खेदू।
सुघ्घर गुन ला गावत हंवव।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-02-2024रविवार