24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/245. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 नाचा गम्मत होवत रथे 🌷
2212 2212
नाचा गम्मत होवत रथे।
जाग रतिहा सोवत रथे ।।
जिनगी मया आधार हे।
देख हांसत रोवत रथे ।।
मन मगन सिरतो झूमरत।
रांधत इहां खोवत रथे ।।
बाजा बजावत बजनिया।
डोरी असन मोवत रथे ।।
जेकर बने खेदू जिहां ।
कान मुहु ला धोवत रथे ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-02-2024रविवार