24/244. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/244. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 जिनगी चलत रथे 🌷
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जिनगी चलत रथे।
सुनता करत रथे ।।
का होही कब का।
बेरा ढ़रत रथे ।।
होत बिहाने सच।
मन मा गुनत रथे ।।
जीयत खावत रा।
फोकट मरत रथे ।।
हाथ धरे खेदू।
पीरा हरत रथे ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-02-2024रविवार