24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/232. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 कभू झन रिसाबे🌷
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कभू झन रिसाबे।
इहां सब बिसाबे।।
सुघ्घर मोंगरा ला ।
महकत महकाबे।।
मया ले मया ले।
मने मा सजाबे।।
बदलही जमाना।
नवा जग बनाबे।।
रथे मगन खेदू ।
मरम ला बताबे।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-02-2024गुरुवार