24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/228. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 अपन रद्दा रेंगइया देख ले🌷
22 22 22 212
अपन रद्दा रेंगइया देख ले।
संगे मा लेगइया देख ले।।
कुछु घाम पियास इहां लागथे।
थोकिन तेहर छंईया देख ले।।
भुकरत रहिथे खोर गली जिहां ।
गोल्लर रोज मरइया देख ले।।
दुनिया के का कहिबे रंग ला।
आँखी मुंद चलइया देख ले।।
हमर मितानी खेदू मस्त हवे।
जिनगी सुघ्घर बनइया देख ले।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-01-2024बुधवार