24– ११-२२ कुंडलिया छंद:-
24– ११-२२ कुंडलिया छंद:-
रस -व्यंग
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नेता जी बन जाइए,पिकनिक होगी जेल।
मन चाही सेवा मिले,नियम सभी हैं फेल।।
नियम सभी हैं फेल, रूल की ऐसी तैसी।
चाहो होय मसाज, मिले सुविधा होटल की।।
कहै अटल कविराय,करे क्या उनका काजी।
धंधे छोड़ो यार,बनो अब बस नेता जी।।
अटल मुरादाबादी
24-11-2022